तनाव: भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव के कारण नींद आने और सोते रहने में कठिनाई हो सकती है।
चिंता: चिंता और चिंता दिमाग को सक्रिय रख सकती है, जिससे नींद आना और सोते रहना मुश्किल हो जाता है।
डिप्रेशन: डिप्रेशन नींद की गड़बड़ी पैदा कर सकता है, जिसमें सोने में कठिनाई, बहुत जल्दी जागना और अधिक सोना शामिल है।
चिकित्सीय स्थितियाँ: विभिन्न चिकित्सीय स्थितियाँ अनिद्रा या अन्य नींद संबंधी विकारों का कारण बन सकती हैं, जिनमें स्लीप एपनिया, रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम और पुराने दर्द शामिल हैं।
दवाएं: कुछ दवाएं नींद में बाधा डाल सकती हैं, जिनमें कुछ एंटीडिप्रेसेंट, कॉर्टिकोस्टेरॉइड और उत्तेजक शामिल हैं।
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